आज के समय में लोन लेना जीवन का एक आम हिस्सा बन गया है। घर खरीदने, शिक्षा पूरी करने या व्यक्तिगत जरूरतों को पूरा करने के लिए लोग अक्सर लोन का सहारा लेते हैं। लेकिन लोन देने से पहले बैंक या वित्तीय संस्थान आपके सिबिल स्कोर की जांच करते हैं। यह स्कोर आपकी वित्तीय साख को दर्शाता है। आइए विस्तार से समझते हैं कि सिबिल स्कोर क्या है, यह कैसे काम करता है, और लोन में इसका क्या महत्व है।
सिबिल स्कोर क्या होता है?
सिबिल स्कोर एक तीन अंकों की संख्या होती है जो आपकी क्रेडिट हिस्ट्री यानी आपके पुराने लोन, क्रेडिट कार्ड बिल और उनके भुगतान के आधार पर तैयार की जाती है। यह स्कोर 300 से 900 के बीच होता है।
-
300-600: खराब स्कोर
-
600-750: औसत स्कोर
-
750-900: अच्छा स्कोर
आपका स्कोर जितना अधिक होगा, लोन मिलने की संभावना उतनी ही ज्यादा होगी।
लोन के लिए जरूरी सिबिल स्कोर
अगर आप किसी भी प्रकार का लोन लेना चाहते हैं – चाहे वह होम लोन, पर्सनल लोन या एजुकेशन लोन – तो कम से कम 750 या उससे ऊपर का सिबिल स्कोर जरूरी होता है।
-
750 से ऊपर का स्कोर होने पर बैंक आपको आसानी से लोन दे सकते हैं।
-
800 या अधिक होने पर आपको कम ब्याज दर, जल्दी अप्रूवल और प्रोसेसिंग फीस में छूट जैसे फायदे मिल सकते हैं।
अच्छे सिबिल स्कोर के फायदे
-
कम ब्याज दर: उच्च सिबिल स्कोर होने पर बैंक कम ब्याज दर पर लोन देते हैं।
-
जल्दी लोन मंजूरी: आवेदन जल्दी स्वीकृत हो जाता है।
-
अधिक लोन राशि: बैंक ज्यादा राशि लोन के रूप में देने को तैयार रहते हैं।
-
बैंकिंग ऑफर्स: आपको विशेष ऑफर्स, कैशबैक या नो-प्रोसेसिंग फीस जैसे फायदे मिल सकते हैं।
-
बीमा में छूट: कुछ बीमा कंपनियां सिबिल स्कोर के आधार पर प्रीमियम में छूट देती हैं।
सिबिल स्कोर कम होने पर क्या करें?
अगर आपका स्कोर 750 से कम है, तो घबराने की जरूरत नहीं है। इसे सुधारना संभव है।
यह भी पढ़े:

-
सभी ईएमआई और क्रेडिट कार्ड बिल समय पर चुकाएं।
-
क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल 30% से अधिक न करें।
-
बेकार या निष्क्रिय क्रेडिट कार्ड बंद कर दें।
-
बार-बार लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन न करें।
-
पुराने बकायों का भुगतान जल्द करें।
इन उपायों को अपनाकर आप धीरे-धीरे अपने स्कोर में सुधार ला सकते हैं।
खराब सिबिल स्कोर पर लोन कैसे लें?
अगर आपका सिबिल स्कोर खराब है और लोन की जरूरत है, तो भी कुछ रास्ते हैं:
-
गोल्ड लोन: इसमें सिबिल स्कोर मायने नहीं रखता, सिर्फ आपके पास सोना होना चाहिए।
-
सिक्योर्ड लोन: आप अपनी संपत्ति या फिक्स्ड डिपॉजिट को गिरवी रखकर लोन ले सकते हैं।
-
एनबीएफसी लोन: गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां कम सिबिल स्कोर पर भी लोन देती हैं, हालांकि ब्याज दरें अधिक होती हैं।
-
सिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड: बैंक में एफडी रखकर आप यह कार्ड ले सकते हैं और धीरे-धीरे स्कोर सुधार सकते हैं।
लोन डिफॉल्ट होने पर क्या करें?
अगर आपने पहले लोन लिया था और भुगतान नहीं कर पाए, तो आपका सिबिल स्कोर काफी नीचे चला जाता है।
-
ऐसे मामलों में सबसे जरूरी है कि आप बकाया राशि का भुगतान करें।
-
भुगतान के बाद बैंक से ‘नो ड्यूज सर्टिफिकेट’ लें।
-
उसके बाद धीरे-धीरे फिर से क्रेडिट कार्ड या छोटे लोन लेकर स्कोर सुधारें।
-
समय पर भुगतान करके नया ट्रैक रिकॉर्ड बनाएं।
सिबिल स्कोर सुधारने के सरल उपाय
-
हर महीने अपने क्रेडिट कार्ड की पूरी राशि समय से चुकाएं।
-
ईएमआई समय पर भरें, ऑटो डेबिट की सुविधा लें।
-
अनावश्यक खर्चों और क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल को सीमित रखें।
-
अपना सिबिल स्कोर हर 2-3 महीने में चेक करें।
-
गलती या फ्रॉड दिखे तो तुरंत सिबिल से संपर्क करें।
-
लोन को जल्दी चुकाकर ‘क्लोजर’ की जानकारी भी अपडेट करवाएं।
निष्कर्ष
सिबिल स्कोर आज के समय में आपके वित्तीय भविष्य की चाबी है। यह सिर्फ लोन पाने के लिए नहीं, बल्कि आपके विश्वासनीयता का प्रतीक भी है। अच्छा स्कोर न केवल लोन की मंजूरी को आसान बनाता है बल्कि बेहतर शर्तों और फायदे भी दिलाता है। इसलिए अपने वित्तीय व्यवहार को जिम्मेदारी से निभाएं और सिबिल स्कोर को मजबूत बनाए रखें।
Disclaimer
यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। कृपया किसी भी प्रकार का वित्तीय निर्णय लेने से पहले किसी पेशेवर वित्तीय सलाहकार से परामर्श लें। सिबिल स्कोर और लोन से जुड़ी नीतियां समय-समय पर बदलती रहती हैं, इसलिए संबंधित बैंक या संस्थान से नवीनतम जानकारी प्राप्त करें। अधिक जानकारी के लिए आप CIBIL या भारतीय रिज़र्व बैंक की वेबसाइट पर जा सकते हैं।